भले ही, मझधार में इस जीवन की नौका हो, मैं हूं ,और तुम भी हो,बस, इतना ही बहुत है।1। भले ही, मझधार में इस जीवन की नौका हो, मैं हूं ,और तुम भी हो,बस, इतना ही बहुत ...
बन्द रास्तों के आगे एक रहस्यात्मक विकल्प है ज़िन्दगी... बन्द रास्तों के आगे एक रहस्यात्मक विकल्प है ज़िन्दगी...
मानव समाज हुआ सभ्य, शिक्षित, किया नित नया आविष्कार, करके जल स्रोत का उपयोग, मान मानव समाज हुआ सभ्य, शिक्षित, किया नित नया आविष्कार, करके जल स्रोत का उप...
अपने नाम को फिर हर लबो पर पाओगे तुम प्रेरणास्रोत नवपथ का बन जाओगे। अपने नाम को फिर हर लबो पर पाओगे तुम प्रेरणास्रोत नवपथ का बन जाओगे।
मैं ही हूँ प्रभात कि उदित किरण, उर शाम कि अस्त किरणों, का समाहार, आनन्द कि लहर मैं हूँ मैं ही हूँ प्रभात कि उदित किरण, उर शाम कि अस्त किरणों, का समाहार, आनन्द कि लहर म...
सब कुछ छोड़कर मन कहेगा, बनूँगा फ़कीर जैसे, 'सम्राट अशोक' ।। सब कुछ छोड़कर मन कहेगा, बनूँगा फ़कीर जैसे, 'सम्राट अशोक' ।।